Tuesday, May 14th, 2024

उच्च शिक्षा मंत्री ने कुलपतियों को विवि का रिकॉर्ड लेकर बुलाया, वित्तीय मुद्दों पर होगी चर्चा

भोपाल

विश्वविद्यालयों ने खाली पदों को भरने संबंधी तैयारी, मेडिकल, कृषि, जैविक कृषि एवं कृषि विषय में पाठ्यक्रम शुरू करने, कॉलेजों द्वारा ली जाने वाली संबद्धता शुल्क सहित अन्य 11 बिन्दुओं को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने आज दोपहर में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई है। बैठक में कुलपतियों से कर्मचारियों को पेंशन भुगतान, खाली पदों को भरने के साथ ही अन्य वित्तीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 

हालांकि कुलपति मंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रोटोकॉल के तहत मंत्री उन्हें बैठक में नहीं बुला सकते। उनका कहना है कि 10 साल पहले उन्हें प्रोटोकॉल में पांचवां स्थान प्राप्त था, लेकिन धीरे-धीरे उनका दर्जा 33वें स्थान पर पहुंच गया है। उनका कहना है कि अभी उन्हें जो दर्जा मिला हुआ है, इससे अनुशासन बनाने में कठिनाई होती है। यही कारण है कि तमाम बैठकों में अब उन्हें कोई भी बुला लेता है। कुलपति पिछले कई सालों से राज्यपाल से अपना दर्जा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भी तत्कालीन शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कुलपतियों की बैठक बुलाई थी, लेकिन बाद में विवाद के बाद इसे निरस्त कर दिया गया है। 

बदला बैठक का समय

उच्च शिक्षा विभाग ने कुलपतियों को आज दोपहर 3 बजे मंत्री की बैठक में उपस्थित होने संबंधी लेटर जारी किया था, लेकिन बाद में समय को बदलकर दोपहर 2 बजे कर दिया गया। कुलपति स्पष्ट तौर पर तो मंत्री की बैठक में जाने से इंकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसे प्रोटोकॉल के अनुसार गलत बताया है। 

विश्वविद्यालयों में बढ़ रहा है शासन का दखल

मध्य प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में पिछले कुछ समय से सरकार का दखल बढ़ रहा है। कुलपति चयन में भी अब राज्यपाल अकेले चयन नहीं कर सकते। कमेटी में राज्य शासन का भी प्रतिनिधि शामिल किया जाता है। पहले राज्य शासन चाहकर भी इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर पाती थी। पहले कुलपति चयन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनती थी। इसमें एक सदस्य राज्यपाल नामांकित करते थे, लेकिन मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति चयन में अब राज्य शासन का सीधे तौर पर दखल हो गया है।

ये हैं मुख्य बिन्दु

  • विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षकीय रिक्त पदों को भरने संबंधी समीक्षा।
  • विवि में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा।
  • विवि के अधिकारी-कर्मचारियों के पेंशन फंड की राशि जमा करने की स्थिति।
  • ग्वालियर विवि में लंबित ऑडिट की आपत्ति कंडिकाओं की कार्यवाही विवरण की समीक्षा।
  • छात्र शिकायत समिति के गठन की स्थिति।
  • सीएम हेल्प लाइन में लंबित प्रकरणों की समीक्षा।
  • पूर्व में लिए जाने वाले संबद्धता शुल्क एवं नए संबद्धता शुल्क की समीक्षा।
  • कृषि, जैविक कृषि एवं कृषि विषय पाठ्यक्रम एवं मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने पर चर्चा।

 

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